गुरूर ब्रम्हा गुरूर विष्णु गुरूर देवो महेश्वर: गुरू: साक्षात्परब्रहृा तस्मै श्री गुरूवे नम:
ये पाँच गुरू के आर्शीवाद से हमारा जीवन सफल है सभी के जीवन में गुरू का हो आवश्यक है इनके बिना हमारा जीवन निरर्थक है।