रिसर्च के मुताबिक,सबसे पहले इस दुनिया में पहले मुर्गी आई या अंडा , सालों से यह पहेली तो आपने सुनी ही होगी, पहेली को वैज्ञानिकों ने सुलझाने का दावा किया है । कि ब्रिटेन के ब्रिस्टल और चीन की नानजिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि धरती पर पहले अंडा नही, मुर्गा- मुर्गी आए। लंबे समय और शोध के बाद वैज्ञानिको का यह निष्कर्ष पर पहुंचे । शोध nature and ecology evaluation में प्रकाशित हुआ है।
यह शोध रिपोर्ट में दावा किया कि हजारों वर्ष पहले मुर्गा- मुर्गी ऐसे नही थे, जैसे आज है। वे अंडे नहीं, बल्कि बच्चे को जन्म देते थे। इसके बाद इनमें परिवर्तन हुआ बच्चा देने वाले मुर्गे-मुर्गी की प्रजातियों में अंडे देने की क्षमता भी विकसित हो गई। इसलिए साफ कहा जा सकता है कि पहले अंडा नही, मुर्गा- मुर्गी आए। वैज्ञनिकों का कहना है कि करोड़ों वर्ष पहले मुर्गे- मुर्गियों की तरह डायनासोर भी अंडे दिया करते थे।
कुछ अंडों में पहले से नहीं होता था भ्रूण
वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चे को जन्म देने की क्षमता का अलग- अलग होना एक्सीटेडेंट एम्ब्रायो रेटेंशन के कारण होता है। चिडि़या मगरमच्छ और कछुए ऐसे अंडे देते है, जिनमें भ्रूण बिल्कुल नहीं बन होता। यह बाद में तैयार होता है। कुछ ऐसे होते है, जो भ्रूण के साथ अंडे देते है। छिपकलियां और सांप अंडे भी देते है तथा बच्चों को भी जन्म दे सकते हैं, क्योंकि इन्हें हैचिंग की जरूरत नहीं होती ।
अंडे और बच्चे के जन्म की प्रक्रिया की जांच
शोध में 51 जीवाश्म व 29 जीवित प्रजातियों को oviparous (डिम्ब ग्रंथी) वाले जीवों के रूप के रूप में वर्गीकृत किया गया। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल बेंटन का कहना हैं कि मछली के पंखों से अंगों को विकसित करने वाले टेट्रापोडस मोटे तौर पर उभयचर होते थे। उन्हें भोजन और प्रजनन के लिए पानी में या उसके पास रहना पड़ता था।