Pandit Vishwanath Dubey Biography– कुछ नेता ऐेसे भी होते हैं, जो आने वाली पीढ़ी के लिए मिसाल कायम कर जाते हैं। पंडित विश्वनाथ दुबे जी का जन्म 17 जुलाई 1937 को हुआ था। ऐसे ही शाख्सियत के धनी थे पंडित विश्वनाथ दुबे। वे कांग्रेस से आखिरी महापौर थे। इनके बाद नगरीय सत्ता पर बीजेपी ही काबिज रही।
Pandit Vishwanath Dubey ने महापौर रहते हुए नगर निगम के पैसों से कभी चाय भी नहीं पी, बल्कि वे खुद अपने पैसों से लोगों को चाय पिलाते थे। उन्होंने मेयर के पद पर रहते हुए कभी मानदेय नहीं लिया। यहां तक कि महापौर को मिलने वाली गाड़ी और बंगला भी नहीं लिया । उनका कहना था कि जब मेरे पास खुद की गाड़ी और मकान है तो ये जनता का पैसा खर्च क्यों करें।
पंडित विश्वनाथ दुबे की शिक्षा
Pandit Vishwanath Dubey की पढ़ाई जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की।
पंडित विश्वनाथ दुबे ने अमेरिका की नौकरी छोड़ी
Pandit Vishwanath Dubey ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कराते समय उन्हें इसी दौरान अमेरिका में उनकी नौकरी लग गई, लेकिन देश की मिटटी को छोड़कर किसी अन्य देश में सेवाएं देना उन्हें रास नहीं आया । वे लौटकर जबलपुर आ गए और अपना स्वंय का व्यवसाय शुरू किया।
पंडित विश्वनाथ दुबे जी का चुनाव में हिस्सा
Pandit Vishwanath Dubey को कांग्रेस के वरिष्ट नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय का काफी करीबी माना जाता था। उनकी पहल पर ही उन्होंने वर्ष 1999 में जबलपुर से महापौर को चुनाव लड़ा। बेदाग छवि और आकर्षक व्याक्तित्व की वजह से शहर की जनता ने उन्हें सिर आंखों पर बैठाया और अपना महापौर चुन लिया। दुबे जन उम्मीदों पर खरे भी उतरे।
उन्होंने चौड़ी सड़कों और ग्रीनरी के अपने विजन को न केवल अमली जामा पहनाया बल्कि आने वाले महापौर को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए एक राह दी। जबलपुर की सबसे बेहतर और प्रदेश में मॉडल मानी जाने वाली मुख्य बस स्टेंड की मॉडल रोड़ उन्हीं के कार्यकाल की सौगात है,जो 18 साल बाद भी वैसी ही है, जैसी निर्माण के समय रही। इसके कार्य की गुणवता को शहर में आज तक कोई स्पर्श तक नहीं पर पाया ।दुबे जी की खासियत यह थी कि अच्छे कामों पर वह विपक्ष की भी जमकर तारीफ करते थे और बुरे काम पर अपनों को भी टोंक देते थे। उनकी इसी स्पष्टवादिता के कारण हर दल के नेता उनका सम्मान करते थे।
पंडित विश्वनाथ ने महापौर होते हुए कई कार्य करवाए
Pandit Vishwanath Dubey ने युवाओ को रोजगार दिया
Pandit Vishwanath Dubey जी युवाओं के लिए मिसाल है।Pandit Vishwanath Dubey जी ने पोल्ट्री फार्म की शुयआत करके हजारों युवाओं को रोजगार प्रदान किया।शिक्षा के क्षेत्र में भी इनका योगदान कम नहीं है। दुबे जी के दो बड़े शिक्षण संस्थान हैं,जिन्हें पत्नी अंजली दुबे सम्हालती हैं। जब दुबे जी के मन में पोल्ट्री फार्म डालने का विचार आया तो पिता पं. कुंजीलाल दुबे व अन्य परिजन इससे पूरी तरह सहमत नहीं थे। लेकिन दुबे अपने संकल्प पर अडिग रहे। उन्होनें पोल्ट्री फार्म शुरू https://www.phoenixgrp.co.in/ किया और अपनी जीवटता से एशिया के नंबर वन पोल्ट्री में शुमार कर दिया। पोल्ट्री के क्षेत्र में उनके फीनिक्स ग्रुप को आज पूरी दुनिया जानती है। पोल्ट्री फार्मिंग में उन्होंने ऐसी तकनीकी ईजाद की जिसे आज भी दुनिया सलाम करती है। पोल्ट्री फार्मिंग में उनके द्वारा अपनाई गई तकनीकी को विश्व में सर्वोकृष्ट माना गया है।
मॉडल रोड बनवाई
Pandit Vishwanath Dubey ने अपने मेयर कार्यकाल में जबलपुर में मॉडल रोड का निर्माण कराया था। खास बात यह है कि मॉडल रोड के निर्माण के लिए नगर निगम कर्मचरियों ने अपना एक महीने का वेतन दिया था। इसके अलावा दुबे ने एशियन डेवलमेंट बैंक (ADS) से लोन स्वीकृत करवाया था।
जमीनों को कराया था कब्जामुक्त
एक समय था, जब शहर में जगह- जगह अतिक्रमण और अवैध कब्जे कुकरमुत्तों की तरह फल- फूल रहे थे, उस वक्त Pandit Vishwanath Dubey ने आगे आकर अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चलाया। सिविल सेंटर और गुरंदी इलाके की कई एकड़ सरकारी जमीन को कब्जामुक्त कराने का असंभव सा काम संभव कर दिखाया । उनके इन्हीं कामों से उनकी इमेज शहर के विकास पुरूष की बन गई थी। नए शहर की परिकल्पना विश्वनाथ दुबे की सोच थी कि नए निर्माण कार्य नए शहर में हों, इससे जनता को परेशानी नहीं होगी। उस दौरान उन्होंने फ्लाईओवर बनवाते पर भी चर्चा की थी, जो दो दशक बाद अब साकार होने जा रहा है।
पंडित विश्वनाथ दुबे जी ने पिता का बढ़ाया मान
Pandit Vishwanath Dubey जी के पिता स्व पं. कुंजीलाल दुबे शिक्षा विद होने के साथ कांग्रेस के वरिष्ट नेता थे। उन्होंने कांग्रेस के शासन काल में विधानसभा में कांग्रेस का नेतृत्व किया । शिक्षा के क्षेत्र में अवदान की वजह से ही जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वनाथ के प्रेक्षागृह का पं. स्व. कुंजीलाल दुबे के नाम पर समर्पित किया गया है।
पंडित विश्वनाथ जी ने वक्त से पहले इस्तीफा दिया
Pandit Vishwanath Dubey जी 2000-2004 तक महापौर रहे। राकेश सिंह से लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उनके कार्यकाल के 6 महीने बचे थे। जनता के जनादेश को स्वीकार करते हुए नैतिकता का पालन करते हुए उन्होंने मेयर की कुर्सी खाली कर दी थी।
थम गई जीवन की मुस्कान
एक हफ्ते से अस्वस्थ थे पूर्व महापौर दुबे, अस्पताल में ली अंतिम सांसें, पंडित विश्वनाथ दुबे जी को श्वास की तकलीफ हुई। इसके बाद उन्हें जबलपुर हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां जांच में यह बात सामने आयी कि उनका निमोनिया बिगड़ गया है। बुधवार शाम में ही उनका स्वास्थ्य और नाजुक हो गया था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे करीब 80 वर्ष के थे। 19 अक्टूबर 2017 दीपावली के दिन गुरूवार सुबह डॉक्टर ने उनके निधन की खबर दी। इस खबर के बाद भारी संख्या में लोग अस्पताल व उनके निवास पर एकत्रित करते हुए दिंवगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
पंडित विश्वनाथ भावपूर्ण श्रद्धांजलि
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जबलपुर के पूर्व महापौर Pandit Vishwanath Dubey नहीं रहे। गुरूवार को सुबह अस्पताल में उनका निधन हो गया वे करीब 80 वर्ष के थे। दीपावली की सुबह उनके निधन की खबर से शहर में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस व भाजपा के नेताओं के साथ समाजसेवी व अन्य शुभचिंतक उनके नयागांव स्थित निवास पर एकत्रित हो गए।
श्री दुबे को श्रद्धासुमन अर्पित करने का क्रम चलता रहा। जबलपुर में उनकी सफलता महापौरों में शुमार हैं, जिन्होंने शहर के विकास को एक नया विजन और नई गति प्रदान की। उनकी निष्पक्ष, बेबाक छवि के कारण ही विपक्ष के नेता उन्हें आत्मिक सम्मान देते थे।
पंडित विश्वनाथ दुबे जी की इकलौती बेटी गौरा का विवाह दिल्ली में हुआ है। पिता कि निधन की खबर सुनकर वे भी जबलपुर आ गई हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान,पूर्वसीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा समेत अन्य नेताओं ने श्रद्धंजलि देते हुए उनके निधन को अपूर्णनीय क्षति बताया। दुबे जी का अंतिम संस्कार रानीताल के मुक्तिधाम में किया गया।
पं. विश्वनाथ दुबे की प्रतिमा की स्थापना
पूर्व महापौर Pandit Vishwanath Dubey की प्रतिमा का आनावरण श्री श्री 1008 शंकराचार्य स्वामी सदानंन्द जी शारदा पीठ द्वारिका के आशीर्वाद से परम पूज्य श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री इश्वरानंन्द जी महाराज एवं महंत कल्याण दास जी महाराज, श्री राम जन्मभूमि, हनुमानगढी श्री अयोध्या धाम की उपस्थिति में 17 जुलाई 2023 को किया गया
इस अवसर पर उन्होनें कहा कि- पूर्व महापौर, “पं. विश्वनाथ दुबे हमेशा ही विकास पुरूष के नाम से जाने जायेंगे। ”