Ghar par oysten mashroom kese ugaye जाने मशरूम 3-4 प्रकार के होते है जैसे – बटन , ओएस्टन , मिल्की, क्रीमिनी मशरूम होते है सब जगह अलग-अलग मशरूम पाये जाते है भारत मे सबसे ज्यादा बटन मशरूम पाया जाता है । आज हम आपको oysten mashroom घर में कैसे उगाते है पूरी जानकारी आपको देंगे, oysten mashroom को उगाना बहुत ही आसान होता है यह मशरूम बहुत आसानी से पैदा हो जाता है मशरूम हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है , मशरूम में कई प्रकार के विटमिन , पोटेशियम, कैल्सियम पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी और फायदेमंद है। मशरूम कि खेती हम आसानी अपने घरों में कर सकते हैं यह खेती अक्टूबर से मार्च के बीच की जाती है और बहुत कम बजट में हम यह खेती कर सकते है और 4-5 महीने में 4-5 लाख रूपये इतने कम समय में कमा सकते है , मशरूम उगाने के लिए हमें किसी बड़ी जगह कि आवश्यकता नहीं पड़ती है कम जगह में यह खेती की जा सकती है ।
oysten mashroom उगाने के लिए सामग्री
- गेहूँ का सूखा भूसा।
- पोलीथिन बैग।
- मशरूम के बीच।
- स्प्रे बोतल और पानी।
- ड्रम।
oysten mashroom कहॉ उगाये
मशरूम उगाने के लिए हमारे पास ऐसी जगह होनी चाहिए जहां पर तापमान और सूर्य कि रौशनी को नियंत्रित कर सके ध्यान रहें जहां पर हम मशरूम कि खेती कर रहें है वहां पर सूर्य कि रौशनी उन पर न पड़े तभी हम मशरूम कि खेती कर पायेंगे। मशरूम उगाने के लिए सबसे पहले हमें एक गार्डन, या घर के बाहर कोई ऐसी जगह हो जहां पर सूर्य कि रौशनी न पड़े और अगर आपके पास ऐसी कोई जगह नहीं है तो आप घर के अंदर चार दीवारी के बीच भी मशरूम कि खेती आसानी से कर सकते हों।
oysten mashroom उगाने कि विधी
मशरूम उगाने से पहले हमको साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा वरना मशरूम में दूसरे प्रकार की फगसू हो जाती है जिससे वह मशरूम अच्छा नहीं माना जाता है और वह मशरूम जल्दी खराब हो जाता है । सबसे पहले हमको एक ड्रम में पानी लेकर भूसे को 6-7 घण्टे के लिए भिगोकर रखे भूसे को भिगोने से उसमें उपलब्ध हानिकारक वैक्टीरिया समाप्त हो जाते है। ध्यान रहें कि पानी का टैमप्रेचर 75-80 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। इसके बाद भूसे को निकालकर ठंडा होने के लिए बाहर निकालकर रख दे , जब भूसा ठंडा हो जाये तो पॉलीथिन में भूसे को दबा – दबा कर भर दें एक लेयर के बाद मशरूम बीच डालें फिर भूसा डाले दूसरे लेयर के बाद वापस से बीच डाले इस तरह से हमको पहले भूसा फिर बीज फिर भूसा , बीच अच्छी तरह दबादबा कर भरना है और सबसे ऊपर वाली लेयर में बीच फिर पॉलीथिन को बांध दें और पॉलीथिन के चारों तरफ से होल कर दे और ऊपर भी होल कर दें ध्यान रहें ज्यादा होल भी नहीं करना है और बहुत कम भी नहीं फिर पॉलीथिन को कमरे के अंदर ले जाकर जहां पर सूर्य कि रौशनी न पड़े जहां पर बाहर बाहर कि अपेक्षा तापमान कम हो वहां ले जाकर बांधकर लटका दे ।
कुछ दिनों के बाद:- बीच-बीच में जाकर मशरूम को चैक करते रहें अगर पॉलीथिन का भूसा ज्यादा सूख गया है तो स्प्रे बोतल के पानी डालते रहें पॉलीथिन में नमी का होना आवश्यक है ज्यादा गीला और न ही ज्यादा सूखने पाये, और कुछ दिनों के बाद मशरूम कवक जाल कि तरह दिखने लगता है यह कम से कम 15 दिनों में ऐसा देखने का मिलेगा। 20-25 दिन के अंदर मशरूम निकलना शुरू हो जाती है ।
oysten mashroom कब तोड़े
जब मशरूम हल्का- हल्का ऊपर कि तरफ मुड़ने लगे तो समझ जायें कि मशरूम तोड़ने का सही समय आ गया है मशरूम को नीचे पकड़ कर तोड़े जिस से कि हमें उस से आगे भी मशरूम मिलती रहें इस तरह हमें दो-तीन मशरूम कि फसल मिल जाती है।
मशरूम के फायदे
मशरूम बहुत पौष्टिक होता है कैलोरी और फैट कम होता है । मशरूम में फाइबर अधिक होता है और पोटेशियम और सेलेनीयम भी अधिक पाया जाता है । मशरूम में मैग्नेशियम, पोटेशियम, सोडियम, विटामिन D2 , विटामिन C, आयरन , मशरूम में प्रोटीन भी पाया जाता है । ये सब मशरूम में पाये जाते है , जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायेदेमंद है । मशरूम में बिल्कुल भी फैट नहीं है यह वजन कम करने के लिए भी है, मशरूम ब्लडपेशर, सुगर में भी फायदा करता है , मशरूम से कोई नुकसान नही है । सभी को मशरूम खाना चाहिए, हार्ट के मरीज को मशरूम खाना चाहिए अपनी सेहत को ठीक रखने के लिए ।