Chandrayaan-3 Launch 2023. भारत का तीसरा मून मिशन करीब 40 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। लॉन्चिंग श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से होगी। ‘चंद्र मिशन’ साल 2019 के ‘चद्रंयान-2’ को फॉलोअप मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञनिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग का है। ‘चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिग’ करने में सफल नहीं हुआ था। यदि इस बार मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका,चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
इतिहास
चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की काबिलियत प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान कार्यक्रम के दूसरे चरण में, इसरो ने एक ऑबिटर, एक लैंडर और एक रोवर से युक्त लॉन्च वाहन मार्क-3 (एलवीएम 3) नामक लॉन्च वाहन पर चंद्रयान-2 लॉन्च किया। प्रज्ञान रोवर को तैनात करने के लिए लैंडर को सिंतबर, 2019 को चंद्र सतह पर टचडाउन करना था।
इससे पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक मिशन पर जापान के साथ सहयोग के बारें मे रिपोर्ट सामने आई थी, जहां भारत लैंडर प्रदान करता जबकि जापान लॉन्चर और रोवर दोनों प्रदान करने वाला था। मिशन में साइट सैंपलिंग और चांद पर रात के समय सर्वादव करने की टेक्नोलॉजी शामिल करने की संभावना थी।
विक्रम लैंडर की बाद की विफलता के कारण 2025 के लिए जापान के साथ साझेदारी में प्रस्तावित चंद्र ध्रुवीय खोजबीन मिशन (LUPEX) के लिए आवश्यक लैंडिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक और मिशन चंद्रयान-3 करने का प्रस्ताव दिया गया मिशन के महत्वपूर्ण फ्लाइट ऑपरेशन के दौरान, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) द्वारा संचालित अंतरिक्ष ट्रैकिंग (एस्ट्रैक) एक अनुबंध के अंतर्गत इस मिशन को सपोर्ट प्रदान करेगी
उदेश्य
इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए तीन मुख्य उदेश्य निर्धरित किए हैं जिनमें शामिल है
- लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना।
- चंद्रमा पर रोवर की विचरण क्षमताओं का अवलोकन और प्रदर्शन।
- चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायानिक और प्राकृतिक तत्वों,मिट्टी, पानी आदि पर वैज्ञनिक प्रयोग करना।
ISRO Chandrayaan-3 2023
चांद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तैयार किया गया भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च हो गया, ‘चद्रयान-3’ को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया, इसे 14 जुलाई शुक्रवार 2023 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर से छोड़ा गया ।
चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट से लॉन्च किया गया, इससे पहले GSLV MK-III के नाम से जाना जाता था, इसी रॉकेट से स्पेस एजेंसी इसरो ने चद्रंयान-2 को लॉन्च किया था।
इसरो इससे पहले साल 2008 में चंद्रयान-1 और 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च कर चुका है, चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑबिटर था, चंद्रयान-2 में ऑबिटर के साथ-साथ लैंडर और रोवर भी थे, चंद्रयान-3 में ऑबिटर नहीं होगा, सिर्फ लैंडर और रोवर ही रहेंगे, इसरो ने इस बार भी लैंडर का नाम ‘विक्रम’ और रोवर का ‘प्रज्ञान’ रखा है, चंद्रयान-2 में भी लैंडर और रोवर के यही नाम थे।
चंद्रयान-3 को चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन बताया जा रहा है, इसका मकसद भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना है, चंद्रयान-2 में विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गई थी, तीन महीने बाद अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा ने इसका मलबा ढुंढा था। इसके चार साल बाद अब फिर इसरो चंद्रयान-3 के जरिए लैंडर और रोवर को दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश करेगा, रोवर एक छह पहियों का रोबोट है जो लैंडर के अंदर ही होगा और लैंडिंग के बाद बाहर आएगा।
चंद्रयान-3 पहली परीक्षा पास की
चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के बाद करीब 179 किमी की ऊंचाई पर चंद्रयान-3 रॉकेट से अलग हो गया। 16 मिनट बाद चंद्रयान-3 को रॉकेट ने ऑर्बिट में स्थपित किया। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस सक्सेसफुल लॉन्च के बाद कहा कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
अंतरिक्ष में भारत ने इतिहास रचा
भारत की तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च हो चुका है। इसे दोपहर 2:35 बजे आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से रवाना किया गया । यदि इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके चीन, अमेरिका जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। 615 करोड़ की लागत से तैयार ये मून मिशन करीब 42 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा।
पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञनिकों को किया सलाम और शुभकामनाएं दी
चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसरो के वैज्ञनिकों की सराहना की है। पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह रह भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरना है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञनिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हॅू।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-2 भी उतना ही पथप्रदर्शक था क्योंकि इससे जुड़े ऑबिटर के डेटा ने रिमोट सेंसिंग के माध्यम से पहली बाद कोमियम,मैंगनीज और सोडियम की उपस्थिति का पता लगाया था।